kanoonon ke jangalraj me

· ojaswi books
५.०
१ समीक्षा
इ-पुस्तक
66
पृष्ठहरू
रेटिङ र रिभ्यूहरूको पुष्टि गरिएको हुँदैन  थप जान्नुहोस्

यो इ-पुस्तकका बारेमा

 

कानून का जंगलराज

हमारे देश की सारी व्यवस्थाएँ जिस प्रकार असफलताओं का दोषारोपण एक-दूसरे पर करती नजर आती है, क्या इनमें से किसी एक घटक ने भी कभी अपने कर्तव्यों के पालन पर गंभीर चिन्तन-मनन और क्रियान्वयन का विचार किया ?

आम आदमी को अदालतों की चमक-दमक या वकीलों की शान देखने का कोई शौक नहीं है, लोगों को न्याय चाहिए, वह भी तुरन्त और सस्ता ! क्या हमारी व्यवस्थाएँ लोगों को शीघ्र और सस्ता न्याय कभी दे पायेंगी ? इसके लिए ठोस कदम सरकारें उठायेंगी ? आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा ?

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर.एम.लोढा ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील से कहा कि न्याय में देरी का सारा दोष न्यायाधीशों पर लगाना उचित नहीं है । इसके लिए सरकार को उच्च न्यायालय स्तर पर न्यायाधीशों की संख्या बढानी पड़ेगी ।

 

मूल्याङ्कन र समीक्षाहरू

५.०
१ समीक्षा

लेखकको बारेमा

 इस पुस्तक के लेखक 'नारायण sai ' एक सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्तर के लेखक है | उसीके साथ वे एक आध्यात्मिक गुरु भी है |  उनके द्वारा समाज उपयोगी अनेको किताबें लिखी गयी है | वे लेखन के साथ साथ मानव सेवा में सदैव संलग्न रहते है | समाज का मंगल कैसे हो इसी दृढ़ भावना के साथ वे लेखन करते है | 

यो इ-पुस्तकको मूल्याङ्कन गर्नुहोस्

हामीलाई आफ्नो धारणा बताउनुहोस्।

जानकारी पढ्दै

स्मार्टफोन तथा ट्याबलेटहरू
AndroidiPad/iPhone का लागि Google Play किताब एप को इन्स्टल गर्नुहोस्। यो तपाईंको खातासॅंग स्वतः सिंक हुन्छ र तपाईं अनलाइन वा अफलाइन जहाँ भए पनि अध्ययन गर्न दिन्छ।
ल्यापटप तथा कम्प्युटरहरू
तपाईं Google Play मा खरिद गरिएको अडियोबुक आफ्नो कम्प्युटरको वेब ब्राउजर प्रयोग गरेर सुन्न सक्नुहुन्छ।
eReaders र अन्य उपकरणहरू
Kobo eReaders जस्ता e-ink डिभाइसहरूमा फाइल पढ्न तपाईंले फाइल डाउनलोड गरेर उक्त फाइल आफ्नो डिभाइसमा ट्रान्स्फर गर्नु पर्ने हुन्छ। ती फाइलहरू पढ्न मिल्ने इबुक रिडरहरूमा ती फाइलहरू ट्रान्स्फर गर्नेसम्बन्धी विस्तृत निर्देशनहरू प्राप्त गर्न मद्दत केन्द्र मा जानुहोस्।