हमें बिना रुके निरंतर आगे बढ़ना चाहिए, नए-नए रास्ते खोजने चाहिए। सफलता कभी नहीं रुकती। वह अपने नए आयाम तय करती रहती है। सफलता कोई वस्तु नहीं है, जिसे एक बार पा लेने के बाद संतुष्ट हुआ जा सके। भविष्य में सफलता की परिभाषाएँ बदल जाएँगी। हमें हमेशा उसके लिए तैयार रहना चाहिए। बैठे रहने से, तरह-तरह की कल्पनाएँ करते रहने से कुछ प्राप्त नहीं होता।
शिक्षा मानव को एक अच्छा इनसान और निर्माणकर्ता बनाती है। शिक्षा में ज्ञान और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या-प्राप्ति का समावेशन है। इसलिए यह कौशलों, व्यापार व व्यवसाय और मानसिक नैतिक उत्कर्ष पर केंद्रित है। एक ऐसा ज्ञान, जो न केवल हमारी पीढ़ी तक सीमित रहता है, बल्कि आगे आनेवाली पीढ़ियों को हस्तांतरित होता रहता है और हमेशा नए आयाम कायम करता है। टेलीफोन का आविष्कार होने पर यह नहीं पता था कि एक दिन स्मार्टफोन सबके हाथों में होंगे, जहाँ न केवल हम एक-दूसरे से बात कर सकेंगे, बल्कि एक-दूसरे को देखने के बाद दुनिया के किसी भी कोने में देख सकेंगे! उस एक छोटे से उपकरण में हम पूरा ब्रह्मांड घूम सकेंगे और पूरे ब्रह्मांड की जानकारी इकट्ठा कर सकेंगे।
आपको खुद को प्रेरित करना चाहिए। अगर आपको काम करते हुए किसी भी पॉइंट पर यह लगे कि जिन लोगों के साथ आप काम कर रहे हैं, उनके साथ आप खुद को थोड़ा सा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, इसका मतलब यह है कि आप ऐसे लोगों के साथ काम कर रहे हैं, जो आपसे बेहतर हैं और वे आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। वे हमेशा आपको प्रोत्साहित करेंगे। अगर आप अपने जीवन में बहुत ज्यादा सुरक्षित हैं। इसका मतलब यह है कि आप कुछ ऐसा कर रहे हैं, जिसमें आप बहुत आराम से हैं और आप अपने आपको सुधारने के लिए खुद को प्रेरित कर ही नहीं पाएँगे।