Samriddha Jeevan Kaise Jiye

Manjul Publishing
৩.৯
১৩ টা পৰ্যালোচনা
ইবুক
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এই ইবুকখনৰ বিষয়ে

 जीवन में हमारे साथ जो होता है वह 10 प्रतिशत ही महत्वपूर्ण है, जबकि उस पर हमारी प्रतिक्रिया 90 प्रतिशत मायने रखती है. हमारे नज़रिये की बागडोर हमारे हाथों में रहती है.इस पुस्तक में डेल कारनेगी हमें सलाह देते हैं कि हम अपने व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण गुणों को अपनाकर ज़्यादा संतुष्टिदायक व सुखी जीवन कैसे जी सकते हैं : आत्म-विश्वास
उत्साह 
लक्ष्य निर्धारित करने और हासिल करने की योग्यता 
सकारात्मक नज़रिया
साहस
विपत्तियों से उबरने की क्षमता हममें से ज़्यादातर लोग एक-तिहाई ज़िन्दगी सोने में बिताते हैं, और कम से कम एक-तिहाई अपने करियर या अपने परिवार की देख-रेख करने में बिताते हैं. बचे हुए समय में हम मनोरंजन, सांस्कृतिक या धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं या बस समय बर्बाद करते हैं. बहुत सारे लोग नीरस जीवन जीते हैं, असंतोषजनक काम-धंधा करते हैं और अपना खली समय निरर्थक गतिविधियों में व्यर्थ गँवा देते हैं. यह पुस्तक बताती है कि हम कैसे इस जाल में फँस जाते हैं और समस्याओं से उबार कर एक बेहतर, उपयोगी तथा ज़्यादा संतुष्टिदायक जीवन की और किस प्रकार बढ़ सकते हैं.

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৩.৯
১৩ টা পৰ্যালোচনা

লিখকৰ বিষয়ে

 डेल कार्नेगी एक अमेरिकी लेखक और व्याख्याता थे. वे सेल्फ हेल्प मूवमेंट के प्रवर्तक माने जाते हैं और सेल्स, कॉर्पोरेट प्रशिक्षण, कुशल वक्तव्य और पारस्परिक कौशल में प्रसिद्ध पाठ्यक्रमों के डेवलपर थे। मिसौरी में एक खेत पर गरीबी में पैदा हुए, वह 'हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इंफ्लुएंंस पीपल' (1936) के लेखक थे, जो हमेशा से ही बेस्टसेलर रही है और आज भी इसकी लोकप्रियता में कमी नहीं आई है। उन्होंने 'हाउ टू स्टॉपिंग एंड स्टार्ट लिविंग' (1948), 'लिंकन द अननोन' (1932), और कई अन्य पुस्तकें भी लिखीं। उनकी पुस्तकों में मूल विचारों में से एक यह है कि दूसरों के प्रति हमारे व्यवहार को बदलकर अन्य लोगों के व्यवहार को बदलना संभव है।

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