Kunti

· Vani Prakashan
4.2
5 അവലോകനങ്ങൾ
ഇ-ബുക്ക്
416
പേജുകൾ
റേറ്റിംഗുകളും റിവ്യൂകളും പരിശോധിച്ചുറപ്പിച്ചതല്ല  കൂടുതലറിയുക

ഈ ഇ-ബുക്കിനെക്കുറിച്ച്

वेद कहते हैं कि अनस्तित्व में से अस्तित्व का जन्म नहीं होता। जो नहीं है, वह हो नहीं सकता। किसी का जन्म नहीं होता। कुछ उत्पन्न नहीं होता। स्रष्टा और सृष्टि दो समानान्तर रेखाएँ हैं, जिनका न कहीं आदि है न अन्त। वे दोनों रेखाएँ समानान्तर चलती हैं। ईश्वर नित्य क्रियाशील विधाता है। जिसकी शक्ति से प्रलयपयोधि में नित्यशः एक के बाद एक ब्रह्माण्ड का सृजन होता रहता है। वे कुछ काल तक गतिमान रहते हैं और उसके पश्चात् विनष्ट कर दिए जाते हैं। सूर्य चन्द्रमसौ धाता यथापूर्वम् अकल्पयत्। इस सूर्य और इस चन्द्रमा को भी पिछले चन्द्रमा के समान निर्मित किया गया।...तो यह जन्म लेने से पहले, इस शरीर को धारण करने से पहले भी तो कुन्ती कुछ रही होगी, कोई रही होगी। कौन थी वह ?...

റേറ്റിംഗുകളും റിവ്യൂകളും

4.2
5 റിവ്യൂകൾ

രചയിതാവിനെ കുറിച്ച്

 नरेन्द्र कोहली का जन्म 6 जनवरी 1940, सियालकोट ( अब पाकिस्तान ) में हुआ । दिल्ली विश्वविद्यालय से 1963 में एम.ए. और 1970 में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की । शुरू में पीजीडीएवी कॉलेज में कार्यरत फिर 1965 से मोतीलाल नेहरू कॉलेज में । बचपन से ही लेखन की ओर रुझान और प्रकाशन किंतु नियमित रूप से 1960 से लेखन । 1995 में सेवानिवृत्त होने के बाद पूर्ण कालिक स्वतंत्र लेखन। कहानी¸ उपन्यास¸ नाटक और व्यंग्य सभी विधाओं में अभी तक उनकी लगभग सौ पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। उनकी जैसी प्रयोगशीलता¸ विविधता और प्रखरता कहीं और देखने को नहीं मिलती। उन्होंने इतिहास और पुराण की कहानियों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में देखा है और बेहतरीन रचनाएँ लिखी हैं। महाभारत की कथा को अपने उपन्यास "महासमर" में समाहित किया है । सन 1988 में महासमर का प्रथम संस्करण 'बंधन' वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुआ था । महासमर प्रकाशन के दो दशक पूरे होने पर इसका भव्य संस्करण नौ खण्डों में प्रकाशित किया है । प्रत्येक भाग महाभारत की घटनाओं की समुचित व्याख्या करता है। इससे पहले महासमर आठ खण्डों में ( बंधन, अधिकार, कर्म, धर्म, अंतराल,प्रच्छन्न, प्रत्यक्ष, निर्बन्ध) था, इसके बाद वर्ष 2010 में भव्य संस्करण के अवसर पर महासमर आनुषंगिक (खंड-नौ) प्रकाशित हुआ । महासमर भव्य संस्करण के अंतर्गत ' नरेंद्र कोहली के उपन्यास (बंधन, अधिकार, कर्म, धर्म, अंतराल,प्रच्छन्न, प्रत्यक्ष, निर्बन्ध,आनुषंगिक) प्रकाशित हैं । महासमर में 'मत्स्यगन्धा', 'सैरंध्री' और 'हिडिम्बा' के बारे में वर्णन है, लेकिन स्त्री के त्याग को हमारा पुरुष समाज भूल जाता है।जरूरत है पौराणिक कहानियों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में समझा जाये। इसी महासमर के अंतर्गततीन उपन्यास 'मत्स्यगन्धा', 'सैरंध्री' और 'हिडिम्बा' हैं जो स्त्री वैमर्शिक दृष्टिकोण से लिखे गये हैं ।

ഈ ഇ-ബുക്ക് റേറ്റ് ചെയ്യുക

നിങ്ങളുടെ അഭിപ്രായം ഞങ്ങളെ അറിയിക്കുക.

വായനാ വിവരങ്ങൾ

സ്‌മാർട്ട്ഫോണുകളും ടാബ്‌ലെറ്റുകളും
Android, iPad/iPhone എന്നിവയ്ക്കായി Google Play ബുക്‌സ് ആപ്പ് ഇൻസ്‌റ്റാൾ ചെയ്യുക. ഇത് നിങ്ങളുടെ അക്കൗണ്ടുമായി സ്വയമേവ സമന്വയിപ്പിക്കപ്പെടുകയും, എവിടെ ആയിരുന്നാലും ഓൺലൈനിൽ അല്ലെങ്കിൽ ഓഫ്‌ലൈനിൽ വായിക്കാൻ നിങ്ങളെ അനുവദിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു.
ലാപ്ടോപ്പുകളും കമ്പ്യൂട്ടറുകളും
Google Play-യിൽ നിന്ന് വാങ്ങിയിട്ടുള്ള ഓഡിയോ ബുക്കുകൾ കമ്പ്യൂട്ടറിന്‍റെ വെബ് ബ്രൗസർ ഉപയോഗിച്ചുകൊണ്ട് വായിക്കാവുന്നതാണ്.
ഇ-റീഡറുകളും മറ്റ് ഉപകരണങ്ങളും
Kobo ഇ-റീഡറുകൾ പോലുള്ള ഇ-ഇങ്ക് ഉപകരണങ്ങളിൽ വായിക്കാൻ ഒരു ഫയൽ ഡൗൺലോഡ് ചെയ്ത് അത് നിങ്ങളുടെ ഉപകരണത്തിലേക്ക് കൈമാറേണ്ടതുണ്ട്. പിന്തുണയുള്ള ഇ-റീഡറുകളിലേക്ക് ഫയലുകൾ കൈമാറാൻ, സഹായ കേന്ദ്രത്തിലുള്ള വിശദമായ നിർദ്ദേശങ്ങൾ ഫോളോ ചെയ്യുക.