शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली)। आलोचना : वारतककार गुरबख्श सिंह प्रीतलड़ी मनोविज्ञान अते पंजाबी कहानी, हिंदी-पंजाबी पत्र-पत्रिकाओं में अनेक समीक्षात्मक लेख व निबंध तथा विभिन्न पुस्तकें प्रकाशित। अनुवाद : बच्चों की अनेक पुस्तकों के साथ-साथ हिंदी-पंजाबी में करीब 35 पुस्तकों का अनुवाद। डॉ. धर्मवीर भारती, कमलेश्वर, प्रेमचंद, चित्रा मुद्गल सहित अनेक वरिष्ठ साहित्यिकों की कृतियों का अनुवाद ने.बु.ट्र., साहित्य अकादेमी, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रभात प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, आलेख प्रकाशन इत्यादि से प्रकाशित। अन्य मौलिक पुस्तकें : स्कूली शिक्षा के लिए अनेक पंजाबी रीडर्स (कक्षा एक से पाँचवीं तक), ‘एक पंथ दो काज’ (भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ), ‘छुट्टी न भई न’ तथा ‘मिलकर खेलें’ (ने.बु.ट्र.) हिंदी में। सम्मान : पंजाबी अकादमी, दिल्ली से अनुवाद पुरस्कार (2006)। संप्रति : माता सुंदरी कॉलेज में अध्यापन (दिल्ली)। फोन : 011-24371625
Baba Shekh Farid Ratnawali edited by Jasvinder Kaur Bindra showcases the spiritual verses and Sufi poetry of Baba Shekh Farid. Immerse yourself in Punjabi literature, mystic poets, and devotional poetry that express divine love and spiritual wisdom. Experience the poetic heritage and cultural expression of Baba Farid's spiritual teachings.